Thursday 29 December 2011

भ्रष्टाचार ,समाज और देश

आज दिन ब दिन भ्रष्टाचार बढता जा रहा है. इस भ्रष्टाचार से सामान्य लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. बढते भ्रष्टाचार के कारण मंहगाई बढती जा रही है. उस कारण परिवारिक लोगों को परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. जब सहनशीलता की मर्यादा का अंत होता है तो कुछ लोग कानून को हाथ में लेकर ऐसे कृत्य करते है. इस जवान ने जो किया है वो गलत किया है. इस पर किसी को भी दो राय नहीं है. मैंने भी निषेध किया है. लेकिन थप्पड़ क्यों मारा इस बात को सोचने की जरुरत है. एक थप्पड़ लगने से राजनीति में लोगों को गुस्सा आ गया. लेकिन जब सरकार किसान पर उनका दोष न होते हुए वह जब अपना हक मांगते हैं. तब सरकार लाठी चार्ज करती है. कई किसान घायल होते है. कई बार सरकार गोलियां चलाती है. उसमें कई किसानों की मृत्यु भी हो जाती है. लेकिन कृषि प्रधान भारत देश में उस पर किसी को गुस्सा नहीं आता. यह दुर्भाग्य की बात है. महाराष्ट्र में किसान आत्महत्याएं करते हैं, उस पर किसी राजनेता को गुस्सा नहीं आता? यह दुर्भाग्य की बात है.

No comments:

Post a Comment